Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र भारत में अपनाये जाने वाली धार्मिक परंपरा है जिसके तहत लोग अपना घर बनवाते है | वास्तु में कहा ये जाता है की अगर आप वास्तु के हिसाब से घर का नक्शा (House Plan) बनाते हो तो आप पर परमात्मा की कृपा हमेशां बनी रहेगी और आपके घर में सुख समर्धि के साथ साथ दिन प्रतिदिन प्रगति होती रहेगी |
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Vastu for House (घर का नक्शा वास्तु के हिसाब से )
घर के नक़्शे में अपने काम आने वाले बहुत से रूम बनाते है जिसमे Bedroom, Kitchen(रसोई घर का वास्तु), घर का दरवाजा, कुण्ड और होदी (Water Tank), bathroom और पूजा रूम को खासतोर से एक निश्चित दिशा में बनाना पसंद करते है इसी को घर का वास्तु कहते है |
नक्शा क्यों बनाते है किसी एक निश्चित दिशा में:
बहुत से लोग सोचते है की घर के नक्शे में सब चीज़ो को एक निश्चित दिशा में अपनाने का क्यों कहा जाता है ?
तो इसका कारण है की अपने ग्रंथों और science के अनुसार हर दिशा में ध्रुवों, चुम्बक (magnetic pole) और सूर्य चंद्रमा का एक निश्चित प्रभाव ज्यादा रहता है जैसे अग्नि को उतर दक्षिण कॉर्नर मिला है उसी तरह से सब को एक निश्चित दिशा के attraction के कारण एक दिशा निर्धारित की गयी है |
घर के नक़्शे में रूम और रसोई की दिशा क्या रखे ?
बहुत सारे उपयोगी रूम को मिला के एक घर बनाया जाता है जिसमे एक सुखी जीवन के लिए पर्याप्त सुख सुविधा हो | एक निर्धारित जगह पर बनाया गया घर सुबह से शाम तक उर्जावान बनाए रखता है |
Main Bedroom vastu tips:
मुख्य बेडरूम का कमरा वास्तु के हिसाब से दक्षिण पश्चिम दिशा में सही माना जाता है| main bedroom घर के मालिक का माना जाता है तो इसको सही दिशा में होना बहुत जरुरी है क्योंकि वास्तु के हिसाब से मुखिया की तबियत और आमदनी इसी कमरे में निर्धारित हो सकती है .
घर के plan में और भी बहुत कमरे होते है लेकिन वास्तु में main बेडरूम को खास माना गया है जिसके चलते main बेडरूम को ओरो की तुलना में थोडा ऊँचा भी रखा जाता है | कुछ लोग उपर एक कमरा और बना देते है कुछ लोग parapet (मंडेरी) ऊँची निकलवा देते है और कुछ ऊँचा सा फ्लैग भी इस दिशा में लगाते है |
Kitchen vastu tips:
रसोईघर को Plot के उतर दक्षिण कॉर्नर पर बनाया जाता है लेकिन जगह की कमी की वजह से इसको उतर या दक्षिण के आधे भाग तक किया जा सकता है | अगर प्लाट की दिशा सही से ना मिले तो किचन को उतर पश्चिम दिशा में भी बना सकते है |
किचन में एक (exhaust fan) एग्जॉस्ट फेन होना भी जरूरी होता है जिससे अंडर की गर्म हवा बहार जा सके |
Toilet and Bathroom vastu tips:
वास्तु में टॉयलेट और बाथरूम को एक साथ बनाना गलत माना जाता है क्योंकि दोनों में अलग अलग उर्जा निकलती है | हालांकि शहरो में जगह की कमी के चलते आजकल attach toilet bathroom काफी common हो गये है |
टॉयलेट bathroom के लिए उतर पश्चिम दिशा का कोना उपयोग में लिया जाता है | अगर आप शौचालय को बीच में, दक्षिण -पश्चिम कोने और अग्नि कोण (दक्षिण पूर्वी कोने ) और ईशान कोने में न बनवाए | अगर यहाँ बन जाता है तो हो सकता है कोई आपके घर में हमेशा बीमारी से ग्रसित रहे |
अगर पहले से इन जगहों पर शौचालय बना हुआ है तो आप कुछ घरेलु उपाय सकते है जैसे गेट के सामने शीशा न लगाये, दक्षिण दीवार पर पिरामिड रख दे या एक कांच की कटोरी भरकर रखे |
मंदिर और बाथरूम को एक साथ बनाना वास्तु में गलत माना जाता है
वास्तु for staircase सीढ़िया:
वास्तु के अनुसार आपके घर की सीढ़िया clockwise चढनी चाहिए | और staircase को मंदिर के उपर न चढ़ाये |
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ये कुछ house plan है जिनमे सिर्फ kitchen stair और bedroom का ही ध्यान रखा गया है क्योंकि आजकल शहरो की सिकुड़ती गलियों और कम जगह की वजह से एक वातानुकूलित घर को वास्तु से ज्यादा जरूरी मानते है जिसमे अपने comfort के हिसाब ज्यादा से ज्यादा जगह मिल सके |
30 x 35 ‘ West facing house plan पश्चिम दिशा में खुलने वाले घर का वास्तु देखे

26 x 35′ North facing house plan
