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बीम और लेंटर एक साथ डालने से ढह सकती है सेटरिंग

सेटरिंग formwork failure reason

कल कुम्भ मेले के लिए बन रहे हेलिपैड का लेंटर गिर गया था  |

एक साथ बीम और लेंटर भरना बताया जा रहा है मुख्य कारण  |

समय की कमी की वजह से एकसाथ डाले जा रहे थे बीम और लेंटर |

जानकारी के मुताबित कुम्भ मेले में VIP हेलिपैड बनाया जा रहा है जिसमे बीम को भरने के बाद जब लेंटर के लिए कंक्रीट डाली गयी तो सेटरिंग वही की वही ढह गयी | हालाँकि सेटरिंग और शटरिंग लोहे के कपलोक पाइप वाली नजर आ रही है | इसमें नोर्मल लकड़ी के मुकाबले ज्यादा ताकत होती है |

क्या है सेटरिंग को सही से लगाने का तरीका :

लकड़ी की सेटरिंग

आमतौर पर लकड़ी के पोल को सीधा बीम के नीचे लगाया जाता है और ये वहीं काम में ले सकते जहाँ ऊँचाई कम हो | ज्यादा ऊँचाई में लकड़ी मुड़ सकती है और moisture से भी प्रभाव पड़ता है | लकड़ी को एक जगह रोकने के लिए लकड़ी के बते या इंट लगाई जाती है |

लोहे की स्कैफोल्डिंग कैसे करे:

लोहे की सेटरिंग में 3, 4, 5, 6, 8 या 10 फीट के फिक्स पाइप होते है जिनको plan के हिसाब से vertical और horizontal एकसाथ लगाया जाता है |

जिससे शटरिंग एकजोड़ बन जाती है और ढहने की सम्भावना कम हो जाती है |

इमसे ताकत ज्यादा होने के साथ साथ बहुत ऊँचाई तक एक के उपर एक पाइप लगाकर आसानी से ले जाया जा सकता है |

उपर वाले पाइप के लिए निचे वाले पाइप के उपर लगे कपलोक में पाइप को फिट करना होता है, इसी तरह साइड के पाइप भी डाले जाते है जिसके बाद सेटरिंग से पाइप अपने आप नहीं निकल सकता |

कब गिर सकती है Shuttering:

जयादा वजन

शटरिंग को green कंक्रीट को strength देने के लिए लगाया जाता है | अगर कंक्रीट का वजन शटरिंग की क्षमता में ज्यादा हो जाये या उपर जिस डोली से कंक्रीट डाली जा रही है उसका PRESSURE ज्यादा हो जाये तब शटरिंग को नुकसान पहुँच सकता है |

पानी की वजह से

अगर शटरिंग लकड़ी की है तो उपर लगाई गयी centering में से कंक्रीट का पानी निचे आने लगे तो भी शटरिंग को moisture की वजह से नुक्सान होता है |

तिरछी ज्यादा लगी होने से:

अगर लकड़ी की शटरिंग को ज्यादा टेडी करके लगाया गया हो तो शटरिंग खिसक के ढीली हो जाती है जो वजन नहीं ले पाती |

एक साथ भराई से

अमूमन 2 फिट की बीम में कोई दिक्कत नहीं आती लेकिन अगर बीम की depth 4 फीट या इससे ज्यादा हो और चौड़ाई भी ज्यादा हो तब कंक्रीट का वजन बहुत हो जाता है जेसे 1.20×0.90×1.00×25 = 27 KN/m (quintal per metre)

वाइब्रेटर के कम्पन से:

वाइब्रेटर कंक्रीट के लिए बहुत जरूरी है लेकिन शटरिंग की क्षमता नहीं होने पर वाइब्रेटर से हिल सकती है |

जाने वाइब्रेटर के प्रकार 

क्या है उपाय

बीम की depth ज्यादा होने की स्थिति में बीम को Neutral axes तक आधा भरा जाता है ताकि उपर की कंक्रीट जब डाले तब तक नीचे की कंक्रीट अपने आप में मजबूत हो जाये जिससे शटरिंग पर ज्यादा वजन नहीं पड़े |

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image source: Jagran

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